Tax Payer के लिए जानना जरूरी, Old vs New tax Regime: वित्त वर्ष 2021-22

आपके लिए कौन सा टैक्स सिस्टम स्लैब है फायदेमंद?

Old vs New tax Regime: वित्त वर्ष 2021-22 से करदाताओं को दो तरह के इनकम टैक्स स्लैब में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जा रहा है। एक तो है हमेशा से चला आ रहा टैक्स स्लैब, जिसमें आपको 80सी, 80डी, एचआरए समेत कई डिडक्शन मिलते हैं, जबकि दूसरा है नया टैक्स स्लैब, जिसमें ये सारे डिडक्शन नहीं मिलते हैं। हालांकि, नए टैक्स स्लैब में टैक्स की दरें काफी कम हैं। आइए जानते हैं इस नए स्लैब के बारे में।

क्या है नए टैक्स स्लैब

नए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगता है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की सैलरी पर 5 फीसदी, 5 से 7.5 लाख रुपये तक पर 10 फीसदी, 7.5 से 10 लाख रुपये तक पर 15 फीसदी, 10 से 12.5 लाख रुपये तक पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख रुपये तक पर 25 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना होता है।

नए Tax स्‍लैब में ये कटौती बाहर

80सी में निवेश
मकान किराया भत्ता (HRA)
यात्रा भत्ता (TA)
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम (Mediclaim)
Standard deduction
बचत खाता पर ब्याज (Saving Bank Interest)
शिक्षा ऋण का ब्याज (Education Loan Interest)
राष्ट्रीय बचत योजना में निवेश (NSC)
होम लाने के ब्याज पर छूट (Home Loan Interest)
धारा 16 के तहत मनोरंजन भत्ता (Entertainment Tax)

आपके लिए कौन सा टैक्स सिस्टम स्लैब है फायदेमंद?

अगर आप इस बात को लेकर कनफ्यूज हैं कि आपके लिए कौन सा टैक्स सिस्टम बेहतर है तो आपको पहले थोड़ी कैल्कुलेशन करनी होगी। इसके बाद जिसमें भी आपको कम टैक्स चुकाना पड़ रहा है, उसे चुन लें। आप इसके लिए ईटी वेल्थ का इनकम टैक्स कैल्कुलेटर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर बिना कैल्कुलेशन किए सिर्फ एक आइडिया लेने के लिए देखें तो चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर कोई शख्स एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक टैक्स डिडक्शन ले रहा है तो उसके लिए पुराना सिस्टम ही बेहतर है, ने टैक्स स्लैब सिस्टम से उसे फायदा नहीं होगा।

अगर आप भी नए और पुराने टैक्स स्लैब में से एक चुन रहे हैं तो आपको कुछ बातें पता होनी चाहिए। अगर आप एक नौकरीपेशा हैं या पेंशनर हैं और आपकी कोई बिजनेस इनकम नहीं है तो आप हर साल नए या पुराने टैक्स सिस्टम में से एक चुन सकते हैं। यानी इस साल नए टैक्स सिस्टम में फायदे दिखे तो उसे चुन लीजिए, अगली बार पुराना बेहतर लगे तो उसे चुन लीजिएगा। लेकिन अगर आपकी बिजनस इनकम है तो आप नए टैक्स स्लैब को चुनने के बाद बस एक ही बार पुराना सिस्टम चुन सकते हैं। यानी अगर आपने नया टैक्स स्लैब सिस्टम चुना और वो आपको अच्छा नहीं लगा तो आप लाइफटाइम में एक बार पुराना सिस्टम चुन सकते हैं, लेकिन उसके बाद दोबारा नए सिस्टम में जाने का विकल्प नहीं बचेगा।

ध्यान रखें नए टैक्स सिस्टम की ये बातें

दोनों ही टैक्स सिस्टम में अगर आपकी आय 5 लाख रुपये सालाना से कम है तो आपको 12,500 रुपये की छूट मिलेगी। यानी 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वाले लोगों को कोई भी टैक्स नहीं चुकाना होगा। नए टैक्स सिस्टम में सीनियर सिटिजन या फिर सुपर सीनियर सिटिजन को अधिक टैक्स छूट भी नहीं मिलती है, सबके लिए टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये ही है।

वार्षिक आय (इनकम)नई टैक्स व्यवस्थापुरानी टैक्स व्यवस्था
रु.2.5 लाख तक            छूट       छूट
रु.2.5 लाख – रु.5 लाख5%*5%*
रु.5 लाख – रु.7.5 लाख10%20%
रु.7.5 लाख – रु.10 लाख15%20%
रु.10 लाख – रु.12.5 लाख20%30%
रु.12.5 लाख – रु.15 लाख25%30%
        रु.15 लाख से ज़्यादा  30%30%
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